11 नवंबर 2025 - 14:43
हमास की चेतावनी, ग्रेटर इस्राईल योजना, ग़ज़्ज़ा नरसंहार से ज़्यादा ख़तरनाक 

सबसे ख़तरनाक हमला ग़ज़्ज़ा में हो रही तबाही नहीं, बल्कि वह बयान है जो नेतन्याहू ‘ग्रेटर इस्राईल’ की योजना के बारे में दे रहा है।

हमास के वरिष्ठ नेता उसामा हमदान ने अपने ताज़ा बयान में कहा कि 7 अक्टूबर फ़िलिस्तीनी जनता और ज़ायोनी शासन दोनों के इतिहास में एक ऐतिहासिक मोड़ था, जिसने क्षेत्रीय समीकरणों को बदल दिया।
हमदान ने कहा कि ज़ायोनी शासन का मक़सद फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध को झुकाना था, लेकिन दो साल की जंग में एक भी फ़िलिस्तीनी मुजाहिद ने सफ़ेद झंडा नहीं उठाया, हथियार नहीं डाले और न ही लड़ाई से पीछे हटा।
उन्होंने कहा, अतिक्रमणकारियों का मक़सद प्रतिरोध को तोड़ना था, लेकिन फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध अब भी मज़बूती से खड़ा है।
हमदान के अनुसार, युद्धविराम समझौते की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि उसके पहले क़दम में ही युद्ध के अंत की घोषणा की गई जो ज़ायोनी उद्देश्यों के बिल्कुल विपरीत है।
उन्होंने कहा कि “कई बार ग़ज़्ज़ा में युद्धविराम पर समझौता हुआ, लेकिन हर बार कब्ज़ाधारियों ने उसे तोड़ दिया। हमदान ने फ़िलिस्तीनी जनता की दृढ़ता पर ज़ोर देते हुए कहा कि “दो साल की जनसंहारक जंग के बावजूद फ़िलिस्तीनियों ने अपने वतन में रहने के अधिकार को व्यवहारिक रूप से साबित किया।
शर्म अल-शेख़ समझौते को उन्होंने प्रारंभिक समझौता बताते हुए कहा कि “यह अभी पूरा नहीं है; इसके तीन चरण हैं, जिनमें से केवल पहला पूरा हुआ है।”
हमदान ने पश्चिमी देशों और अमेरिका की नीति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि “इन दोनों का साझा निष्कर्ष यह है कि ग़ज़्ज़ा पर जारी हमला अब खुद ज़ायोनी शासन के लिए भारी नुकसान का कारण बन रहा है।
अंत में उसामा हमदान ने चेतावनी दी कि सबसे ख़तरनाक हमला ग़ज़्ज़ा में हो रही तबाही नहीं, बल्कि वह बयान है जो नेतन्याहू ‘ग्रेटर इस्राईल’ की योजना के बारे में दे रहा है।
 

आपकी टिप्पणी

You are replying to: .
टिप्पणीसंकेत
captcha